ईश्वर ने ब्राहमणों की उत्पत्ति का उद्देश्य ही धर्म रक्षणार्थ है माना है। ब्राहमण समाज ने इस दाइत्व का निर्वहन सदियों से बिना किसी बाधा के किया है। हम भी इसी उद्देश्य से समाज को मजबूत बनाने हेतु एक सूक्ष्म प्रयास कर रहे हैं ।
हमारा उद्देश्य है कि समाज की उन्नति के लिए कार्य करना। हम ब्राह्मण हैं हम स्वयं ही अपने समाज को उन्नत बना सकते हैं , फिर हम किसी और से सहयोग की अथवा दान की अपेक्षा क्यों रखें???? अपनी सुविधाओं के लिए हमे स्वयं ही आगे आना होगा…..हाँ संगठित होकर हम बड़े बोझ को कम जरूर कर सकते हैं इसलिए हमारा प्रयास है की हम सभी ब्राह्मण एक होकर किसी भी कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग करें। धन्यवाद।